COVID-19: राम मंदिर भूमि पूजन के बाद ‘जय श्रीराम’ को अपनी जनसेवा से जोड़ा

भोपाल की सड़कों पर घूम-घूमकर जरूरतमंदों के बीच मास्क बांटते हुए धनजी पराड़कर
धनजी पराड़कर (Dhanji Paradkar) जो मास्क बनाकर बांटते हैं उस पर ‘जय श्रीराम’ (Jai Shri Ram) और स्वास्तिक चिन्ह बना होता है. वो धार्मिक व्यक्ति हैं, लिहाजा अपनी आस्था प्रकट करने के लिए उन्होंने मास्क में अब ‘जय श्रीराम’ लिखना शुरू किया है
अब धनजी पराड़कर जो मास्क बनाकर बांटते हैं उस पर ‘जय श्रीराम’ (Jai Shri Ram) और स्वास्तिक चिन्ह बना होता है. धनजी पराड़कर (Dhanji Paradkar) की मानें तो उनका मकसद लोगों को कोरोना से जागरूक करना और बचाना तो है ही. लेकिन वो एक धार्मिक व्यक्ति हैं लिहाजा अपनी आस्था प्रकट करने के लिए उन्होंने मास्क में अब ‘जय श्रीराम’ लिखना शुरू किया है.
कौन है धनजी पराड़कर?
धनजी पराड़कर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक सामान्य परिवार से आते हैं. वो भोपाल में टेलरिंग की दुकान चलाते हैं लेकिन बीते 24 मार्च को जब से लॉकडाउन लगा उनका धंधा पूरी तरह से बंद हो गया. लेकिन इस निराशा को धनजी पराड़कर ने आशा में बदला और कपड़ों के बजाय खुद अपने हाथों से मास्क सिलना शुरू कर दिया. धनजी पराड़कर खुद खादी का कपड़ा लेकर मास्क तैयार करते हैं और फिर उन्हें बांटने का काम करते हैं. धनजी पराड़कर लॉकडाउन लगने से लेकर अब तक पांच हजार से भी ज्यादा मास्क लोगों में बांट चुके हैं.गरीबों और पुलिस जवानों पर ध्यान
धनजी पराड़कर हर रोज अपनी स्कूटी से भोपाल की सड़कों पर निकलते हैं और लोगों को मास्क बांटने का काम करते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि वो सड़क किनारे रहने वाले या झुग्गियों में रहने वाले गरीबों को मुफ्त में यह मास्क बांटें. साथ ही वो कोरोना वारियर्स जो लॉकडाउन में भी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं उन्हें जाकर मास्क बांटते हैं. खास तौर से पुलिस के जवान जो लॉकडाउन लागू होने के बाद से लगातार अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं, उन्हें वो अलग से जाकर अपने हाथों से मास्क देते हैं.