सेहत के लिए फायदेमंद है मैराथन दौड़, ये बीमारियां रहती हैं दूर

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती पर मैराथन दौड़ का आयोजन किया जा रहा है। इस मैराथन में 35 साल तक की आयु के युवा भाग ले सकते हैं। अब जिन लोगों को दौड़ना पसंद नहीं है या फिर जो आमतौर पर रनिंग नहीं करते हैं, उन्हें यह मैराथन दौड़ कुछ ज्यादा ही बोरिंग या यूं कह लीजिए कि मेहनत वाला काम लग सकता है। लेकिन असल में मैराथन दौड़ सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है।
रिसर्च में दावा, ये बीमारियां रहती हैं दूर
हाल ही में की गई एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग पहली बार मैराथन दौड़ते हैं, वे सेहत के लिहाज से फायदे में रहते हैं। बार्ट्स हेल्थ एनएचएस ट्रस्ट (Barts Health NHS Trust) और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग पहली बार मैराथन दौड़ते हैं या पहली बार मैराथन में दौड़ने जा रहे हैं, उनका न सिर्फ ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है, बल्कि धमनियों की बाहरी परत भी सख्त होने से बच जाती हैं। अगर धमनियां और उनकी बाहरी वॉल सख्त हो जाए तो हार्ट स्ट्रोक हो सकता है।
जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी में प्रकाशित इस अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि जो लोग मैराथन की ट्रेनिंग लेते हैं और इस दौड़ को पूरा भी करते हैं उनकी धमनियों की उम्र यानी वस्कुलर एज 4 साल तक कम हो जाती है, जिससे वे लंबे समय तक हेल्दी रहते हैं।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 138 स्वस्थ ऐसे रनर यानी मैराथन धावकों के ग्रुप के आंकड़ों को देखा, जिन्होंने 2016 या 2017 में लंदन मैराथन पूरी की थी। इन मैराथन धावकों की कोई कार्डिएक हिस्ट्री नहीं थी। बस वे प्रशिक्षण के लिए प्रति सप्ताह 2 घंटे से भी कम दौड़ रहे थे। इस अध्ययन में शामिल औसत प्रतिभागी की आयु 37 वर्ष थी और शामिल प्रतिभागियों में पुरुष और महिलाओं की संख्या भी समान थी।
मैराथन की ट्रेनिंग शुरू होने से पहले सभी शामिल प्रतिभागियों का हेल्थ चेकअप किया गया। यह ट्रेनिंग करीब 6 महीने तक चली। मैराथन दौड़ पूरी करने के तीन हफ्तों के अंदर ही सभी प्रतिभागियों के फिर से वही हेल्थ चेकअप और टेस्ट किए गए। बाद में शोधकर्ताओं ने पाया कि पुरुषों ने साढ़े चार घंटे में मैराथन दौड़ पूरी की जबकि महिलाओं ने वही दौड़ 5 घंटे और 40 मिनट में पूरी की।