रेप मामले में फंसे डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बरकरार, जज बोले- जांच से नहीं बच सकते

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के वकील ने रेप मामले पर तर्क दिया था कि संविधान राष्ट्रपति को राज्य की अदालतों में दायर वाद में खींचे जाने से प्रतिबंधित करता है.
सॉन्डर्स ने कहा, ‘नहीं, ऐसा नहीं है.’ इस फैसले के बाद कैरोल को अपना वाद जारी रखने की इजाजत मिल गई है. वह संभावित साक्ष्य के तौर पर ट्रंप के डीएनए का अनुरोध कर रही हैं. उनका आरोप है कि 1990 के दशक में ट्रंप ने उनसे बलात्कार किया था और यह दावा वापस लेने पर मजबूर करने के लिए उनका अपमान किया था. कैरोल की वकील रोबर्टा कपलान ने कहा, ‘हम इस तथ्य पर आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हैं ताकि हम साबित कर सकें कि डोनाल्ड ट्रंप ने ई जीन कैरोल को उस समय बदनाम किया था, जब उन्होंने कैरोल के उस साहसिक फैसले के संबंध में झूठ बोला था कि डोनाल्ड ट्रंप ने उनका यौन उत्पीड़न किया था.’ फैसले के बारे में ट्रंप के वकीलों को ई-मेल और फोन संदेशों के जरिए जानकारी दे दी गई है.
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ट्रंप के पोस्ट डिलीटवहीं दूसरी तरफ, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक और ट्विटर के निशाने पर आ गए हैं. इन दोनों वेबसाइट ने कोरोना वायरस पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाते हुए ट्रंप के पोस्ट को डिलीट कर दिया है. ट्रंप के पोस्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस का असर बच्चों पर नहीं पड़ता है और उनमें इससे लड़ने की क्षमता होती है. लेकिन अमेरिका की तरफ से ऐसी कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. लिहाज़ा ट्रंप के पोस्ट को तुरंत हटा दिया गया.