शुक्रवार को हेलीपेड पर सीएसपी नानाखेड़ा ऋतु केवरे की डयूटी थी। उनकी जिम्मेदारी सूची अनुसार लोगों को हेलीपेड पर प्रवेश देने की थी। वह अपनी डयूटी बखूबी निभा रही थीं।
इसी दौरान सूची में नाम ना होने के बावजूद पूर्व पार्षद ओम अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता राजपालसिंह सिसौदिया और पूर्व नगर अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल ने प्रवेश करने की कोशिश की।
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इन्हें सुश्री केवरे ने रोका तो पूर्व पार्षद ओम अग्रवाल तैश खा गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कराने की धमकी दी। सुश्री केवरे ने उन्हें ठीक करने का आदेश पुलिसकर्मियों को दिया। इसी आपाधापी में ओम अग्रवाल ने माकडौन थाना प्रभारी गजेंद्र पचेरिया पर हाथ चला दिया। बदले में पचेरिया ने भी हाथ उठा दिया। ऐसे में जगदीश अग्रवाल ने बीच-बचाव किया। मामला सीएम शिवराजसिंह चौहान तक जा पहुंचा। उन्होंने आईजी राकेश गुप्ता को जांच के आदेश दिए थे। शनिवार को ही आईजी ने सीएसपी के बयान लिए थे। भाजपा नेताओं के उज्जैन में नहीं होने से इनके बयान नहीं हो सके थे। इसके पहले ही शनिवार रात 9 बजे सीएसपीका तबादला आदेश उज्जैन पहुंच गया। गृह विभाग के अवर सचिव अन्नू भलावी ने यह सिंगल आदेश जारी किया।
सुश्री केवरे ने कहा कि सरकार का शुक्रिया। मैं तीन महीने से ग्वालियर तबादले का प्रयास कर रही थी। यहां उनके पति विपिन दंडोतिया जेलर हैं। तीन महीने पहले उन्हें मिसकरेज हुआ था। ऐसे में यह समय वह परिवार के साथ बिताना चाहती थी। इसके लिए तीन आवेदन दिए थे। अब विभाग ने उनकी सुन ली है।
बहरहाल सुश्री केवरे चाहे कुछ भी कहें लेकिन लोग इसे भाजपा सरकार की हिटलरशाही के तौर पर देख रहे हैँ।